मिस्र का बंटाधार
कितना विस्मयकरी है कि तानाशाह इतिहास से सबक नहीं लेते | तानाशाही किसी भी रूप में हो राजशाही, सैनिक तानाशाही, या लोकतान्त्रिक तानाशाही (जैसा कि अब लोकतंत्र के नाम पर कुछ गिने चुने लोगो के हाथ में ही सत्ता रहती है) ये तानाशाही शक्तियां केवल कौरवों को ही अपना आदर्श मान कर जीवन भर भौतिक सुख भोगना चाहते है पांडवों की तरह अमर नहीं होना चाहते | ऐसा ही हाल कुछ मिस्र का है इस समय |
लेखन
Rudraksh Pathak
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