हमारे देश भारत को स्वतंत्र हुए ६३ वर्ष पूरे हो चुके है| लेकिन ज्यादा कुछ नहीं बदला है |
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के कुछ वर्षों तक देश को सँभालने वाले राजनेतिक नेताओं के सर पर टोपी और खादर का पहनावा एक विशेष पहचान होती थी |
लेकिन आज आज के राजनेताओं के सर पर वो टोपी और वो पहनावा दिखाई नहीं देता|
इससे मेरा आशय यह है की पहले भ्रष्टाचार प्रतिशत कम था और वो भी छुपा रहता था (टोपी से) परन्तु आज के दिन में वो खुले आम है वेह भी डंके की चोट पर |
इसका पर आलम यह है की चोरी और सीना जोरी |
यह है मेरा इण्डिया .........
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@खुले आम है वेह भी डंके की चोट पर।
ReplyDeleteचोरी और सीना जोरी।
भ्रष्टाचार को कानूनी मान्यता दी जानी चाहिए।
टोपी का बहुत अच्छा प्रयोग किया है आपने
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